ये कहानियाँ आपको सफल बना सकती है Motivational Story in Hindi 2023

 

Motivational Story in Hindi 2023 




काफी इन्तजार के बाद निर्मता की बायोग्राफी  स्टोरी रिलीज हो गई 
आपका स्वागत है  


इसकी फुल स्टोरी पढने के लिए क्लिक करें 


आपके पास अपनी जिन्दगी में समय से कीमती कुछ भी नहीं है , इस लिए अगर आपको कुछ हासिल करना है , अपना समय बिलकुल बर्बाद मत होने दो , आप मोबाइल में हर वक्त कुछ न कुछ देखते रहते हैं , पर आपने ये कभी नहीं सोचा , की एक मिनट का वीडियो , आपसे बहुत कुछ छीन कर चला गया , मोबाईल या कोई फिल्म देखना बुरी बात  नहीं , पर जो इन चीजों को , समय के हिसाब से देखता है , व्ही समझदार होता है

ये किताब हर किताब की तरह , नहीं हैं   कहते हैं ना , जो कोयले हीरे की पहचान करेगा ,  वो ही अमीर हो जाता है , उसी तरह इस किताब को व्ही समझेगा जो जिन्दगी में कुछ् कर गुजरना चाहता है

अब मैं आपको बताता हूँ हम किस चीज पर ध्यान नहीं देते

[1 ]  हमारी पहली गलती है , की  हम अपनी शादी के बारेमे सोचने लगते हैं , की हमारी रानी कैसी होगी , हम अच्छा घर बनाएंगे , अच्छी गाडी लूँगा , पर आपने देखा है , शादी के बाद झगड़े क्यों होते हैं , क्यों वो हमारी सपनों की रानी होती है , और हम होते है , मजबूर राजा , जिसके पास रानी को खुश रखने के लिए , कुछ नहीं होता , अगर हम जिस वक्त  रानी के सपने देखने की वजाय , अपने आप को बहुत कामयाबी पे देखकर , उसपर काम करते तो , रानी भी पीछे – पीछे घुमती , और पैसा भी होता |

{2 }अब बात करतें हैं लड़कियों की , जो लड़की अपने चहरे से ध्यान हटा कर अपने भविष्य में देख लेगी , वो लड़की , कुछ भी कर सकती है , क्यों की लड़कियों की आद्द्त होती है , हर वक्त अपने चेहरे की देख भाल करना , आजकल तो सेल्फी के  चक्कर में अपने बच्चे तक को भूल जाती हैं , इस लड़कियां कोई लडको से कंम है , अगर ये अपने बारे में सोचे तो , अपनी जिदगी को बदल सकती हैं

{3} अब बात आती  है , फैमली की कई बार हम अपने फैमली की वजह से कुछ नहीं कर पाते , ऊसमे हम अपनी फैमली को दोषी बताते हैं , पर मैं नहीं मानता , क्यों की ये मैं अपने ऊपर से गुजार चुका हूँ , कोई वक्त था , मेरी  हालत थी की मैं कीपैड वाला मोबाइल भी नहीं ले सकता था , फिर मैंने अपने घर की हालत को देखकर पढ़ी छोड़ दी सोच लिया पहले घर की हालत ठीक करूँगा , फिर पढाई करूंगा , अब आपको बता नहीं सकता मैं कहाँ जाकर काम करता रहा , ऐसा पानी भी गले उतारा है जिससे पशु भी मुंह फेर लेते , अपने दुःख रोता रहूँ ये मेरी आदत नहीं  , बस आपको बताता हूँ , की आज मैंने अपने परिवार को भी और अपने आप को भी , सुखी कर दिया , अभी हम रुके नहीं  क्यों की तब तक नहीं रुकुंगा जब तक , हमारे घर का ऊपरी हिउस्सा देखने के लिए , लोगों की गर्दन कंधो से नहीं  चिपकती ,

इस लिए हम जब कामयाबी की तरफ बढ़ें , तब ये सोच कर चलो की , दो दिन लेट मंजिल तक पहुंच जाऊँगा , पर अपनी फैमली को साथ रखूंगा , क्यों की जब हम महल बना

लेते हैं , तो फैमली की सबसे जादा जरूरत होती है ,,,

 

Motivational Story in Hindi 2023




scene \ evening\ rajasthan \ रेत के

टीले [ नर्सरी ]  \ 3 :00 pm

[ 21 ]निर्मता  [ 22 ] आकाश [ 20 ] जग्गू 

जंगल में दोपहर का वक्त है ,इधर –उधर बड़े – बड़े रेत के  टीले हैं बकरियां चर रही है , निर्मता  बैठी  किताब पढ़ रही है , आकाश थोड़ी दूर बकरियां घेर रहा   है ,एक  जग्गू नाम का लड़का निर्मता की  तरफ आ रहा है ,निर्मता किताब पढ़ रही है ,जग्गू पास आया निर्मता के हाथ से  किताब  छिनकर कर बोला सारा दिन एक ही काम,  कभी ,छोड़ दिया करो इसे ,,

 जग्गू थोडा साइड पे बैठा हाथ में किताब , निर्मता को  बहूत गुस्सा आया ,निर्मता की आँखे लाल  कोयले की तरह , और पागलों की तरह जग्गू पर टूट पड़ी ,जग्गू को पैरों से पकड़  कर निचे घसीट रही है , फिर छोड़ कर मुक्के मारने लगी ,जग्गू  को तो समझ में  नहीं आ रहा की इसे रोकूँ कैसे , फिर  छुडवा कर भागने लगता है , निर्मता के हाथ में कफ आई और जोर से खींचने  के कारण , बाजू  से  शर्ट फट गई , जग्गू भाग गया , निर्मता भी पीछे भागती है , आकाश को पता चला वो  आगे से आ रहा है , इतने में निर्मता , जग्गू को कोलर से पकड़ लेती है ,जोर से पीछे खींचती है जग्गू के तो वहीं पे लेदर जाम हो गए , निर्मता  सामने करके एक मुक्का जोर से मुंह पर मार देती है , दांत निकलकर  निचे गिर गया , इतने में आकाश निर्मता के सामने आ गया


      आकाश निर्मता को रोकता हूया  निर्मता रुको ......,,

निर्मता उसे मार रही है , आकाश सामने आकर फिर रोकने लगा ,आकाश  के पेट में लग गई , आकाश अपने पेट में हाथ देकर बैठ गया  , निर्मता देखती है और जल्दी आकाश के पास गई

आकाश के पास बैठ गई  डरी हूई कहीं आकाश के जादा तो  नहीं लगी, आकाश का चेहरा दर्द से लाल हो गया

    निर्मता बहुत डरी हुई आकाश सर को अपनी गोद में लेकर –“ आकाश क्या हो गया,,  जग्गू अपने मुंह पर हाथ देकर खड़ा हो गया

आकाश  जग्गू की तरफ देखकर , दर्द की  आवाज में-“  

  अरे क्या बैंगन देख रहा है भागजा ,या चार आदमियों के कंधे पर ,,

निर्मता फिर उसके तरफ देखती है ,जग्गू  नें पीछे भी नहीं देखा ,भाग गया

 

जग्गू आगे चला गया , अहमद देख रहा है ,और फिर आवाज देता है –“ अच्छा हुआ तूं बचके आ गया ,नहीं गाडी में डालकर लाना पड़ता , कहाँ पंगा लिया है ,,

इधर निर्मता , आकाश दोनों , भेड़ों के पिच्छे आ रहे , निर्मता अपनी कमर  के साथ किताब बाँध कर रखती है , और दोनों गाँव की तरफ जा रहे हैं

आकाश बोला –“ निर्मता तुंम हर किसी से पंगा ले लेती हो , एसे थोड़ी , होता है ,,

निर्मता –“ मैंने उसके साथ थोड़ी ,पंगा लिया ,,

आकाश –“ फिर भी तुम्हें समझना चाहिए ,,

निर्मता  भेड़ो के डंडा मारके ,बोली –“ छोडो अब ,मैं तुम्हें एक बात बतानें वाली थी ,,

आकाश –“ हाँ तुम सुबह भी कहते कहते रुक गई थी ,,

निर्मता –“ मैंने तुमसे कभी कुछ नहीं माँगा , लेकिन आज मुझे मदत की जरूरत है ,,

आकाश –“ मैं तो पुरी उम्र तुम्हारी मदत करना चाहता था , वो तुंम नहीं मानी ,,

निर्मता –“ नहीं हमें अगर शादी करनी है तो इज्जत से जीना है , वो शादी जो  शान से जीना भी हराम हो जाए ,,

आकाश –“ अगर माँ शादी के लिए मान जाती तो , मैं तुम्हें खूब पढाई करवाके नौकरी लगवा देता ,,

निर्मता –“ तेरी माँ ने हमें भूख नंगे बताया है ,अब मुझे कुछ भी करना पड़े , मैं एसी बायोग्राफी बनाऊँगी , तेरी माँ के समझ से बाहर करदुंगी ,,

आकाश –“ तुम बोल रही हो मैं किताब के अनुसार चलूंगी , तुंम खुद ही बताती हो किताबी जिन्दगी नहीं होती ,,

निर्मता –“ मैं किताब के अनुसार चलके देखना चाहती हूँ , मैं सुबह चार बजे निकल रहीं , अगर मेरी मदत करना चाहते हो तो ,मुझे बीकानेर ट्रेन तक मेरे साथ चले जाना फिर चाहे वापस आ जाना ,,

आकाश –“ तुम मानने वाली तो नहीं हो , पर अगर कुछ दिन रुक जाती तो , शायत माँ मान जाती ,,

निर्मता –“ आकाश मझे सुबह जाना ,मैं अपने आप को बोल चुकी हूँ , और मैंने जो बोल दिया वो होता ही है ,,

आकाश –“ वो तो मैं जानता हूँ , पर पुरी रात पड़ी है सोचने के लिए शोच लेना ,,

निर्मता –“ अगर आग में कूदकर , मोत आती तो सोचने वाला दिमाग निकाल कर फेंक देना चाहिए , क्यों की मरने बाद हम नए सिरे से शुरवात कर सकते हैं ,,

आकाश –“ माँ की बात पे जिद कर रही हो , वो तो बोलती रहती है ,,

निर्मता धीरे धीरे –“ तेरी माँ ने बोल दिया हम भिखारी हैं ,तेरी माँ कभी ,कपड़े या हमे आटा देखर गई थी ,हम अपनी कम कर खाते हैं ,और अब मैं उसे आमिर बनके दिखाऊँगी , एसी आमिर बनूंगी ,हमारे घर की दीवारों से उसकी शक्ल नजर आएगी ,,

आकाश –“ तुम्हारी मर्जी , कुछ भी कहों , मैं आ जाऊँगा ,,

रात का वक्त निर्मता नहा कर अपने कमरे में गये , और एक शीशे के आगे रुक गई , निर्मता कभी भी अपने बाल नहीं खोलती थी , लेकिन आज अपने बालो को खुल्ला छोड़ कर अपनी खूबसूरती को देखती है , कुछ देर अपने बालों में कंगी करती है , इतने में निर्मता की ,माँ अंदर आई

निर्मता की माँ देखती है और बोली –“ तेरे पापा नहीं आए आज ,,      

आगे की कहानी आपको  अगले पार्ट में मिलेगी , प्लीज हमें फोलो करो         

                   हमारी वेबसाइट film bolly good writer के लिए बहुत ही अच्छा मौका ला रही है 

अगर कोई राइटर या गायक अपनी कला को चमकाना  चाहता है तो अभी वेबसाइट pr जाकर फॉर्म भर सकता है  वेबसाइट लॉन्च नहीं हुई, लेकिन contact फॉर्म जारी है आप फ्री में फॉर्म भर  सकते हैं  फॉर्म क्लिक भरें                                                                       

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.