मोटिवेशनल स्टोरी फॉर स्टूडेंट्स तो वर्क हार्ड , Short Motivational Story In Hindi

 

                     Short Motivational Story In Hindi

1920 London" is a 2016 Indian political thriller film directed by Vikrant Massey. The film stars Nargis Fakhri and Sharman Joshi in lead roles.

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                     STORY  BIOGRAPHY

WRITER BY MANDEEP SINGH

 

यह कहानी राजस्थान में रहने वाली निर्मता की है ,इसे गुस्सा बहुत आता है ,कई गाँव के लड़के भी इससे डरते हैं , निर्मता का सपना है मैं भी मेरी BIOGRAPHY बनाऊँ , पर घर की तंगी की वजह से ,भेड़ चराती है , ये हमेशा अपनी कमर के साथ किताब बाँध कर रखती , जहाँ वक्त मिलता वहीं पढने बैठ जाती , एक दर्श नाम का लड़का है जो निर्मता को बहुत पसंद करता है , फैमली की वजह से इनकी शादी भी टूट गई

                                     स्टार्ट

दर्श और निर्मता गाँव की तरफ आ  रहे हैं , निर्मता  दर्श को बताती है की मैं आज सुबह चार बजे घर से जा रही हूँ अगर हेल्प कर सकते हो तो कर दो , दर्श बोला तुम्हारी कामयाबी मैं भी देखना चाहता हूँ ,पर करोगी क्या  ,निर्मता बोली एक लडकी अगर खाना बनाने  की वजह से अरबों कंमा सकती है , मैं तो मुश्किल से मुश्किल काम भी कर सकती हूँ ,

  निर्मता शाम को अपने पिता को भी अपने कमरे में बुला कर सब बता देती है

, पिता बहुत दुखी निर्मता बोली मैं आपको इस लिए बता के जा रही हूँ ,आपको ऐसा ना लगे की मेरी बेटी चोरी से घर से निकली है , राजेन्द्र बोला बेटी बिना पैसे के क्या करेगी तुं वहां , निर्मता बोली पापा आप मुझे रोकने की कोशिश मत करो , मैं अब रुकने वाली नहीं हूँ , आप आगर मुझे ख़ुशी से भेज देंगे तो दुनियां की कोई भी ताकत मुझे कामयाब होने से नहीं रोक सकती राजेन्द्र की भी सोच अलग है वो भी चाहता है बेटी कुछ कर जाए
, राजेन्द्र जाने के लिए हाँ कर देता है , बोला बेटी गाँव वाले मुझे जीने नहीं देंगे , निर्मता बोली गाँव वालों  की ऐसी की तैसी , बोल देना मर गई निर्मता गाँव वालों के लिए , उस वक्त गाँव वाले कहाँ गये थे , जब जोती के इलाज के लिए हमने हर किसी के आगे पल्लू फैलाया  था किसी नें हमारी तरफ देखा भी नहीं , राजेन्द्र बाहर चला गया ,

 निर्मता भी सुबह चार बजे  उठकर अपना बैग उठाती है , और अपने गेट से बाहर आई , देख रही है दर्श जरुर आयेगा , उसे भरोसा था और दर्श भी आ रहा है , राजेन्द्र बाहर आया देखता है पास ही दर्श खड़ा है राजेन्द्र को शक होता है , इतने में निर्मता बोली पापा हंम ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिस की वजह से आपको झुकना पड़े , ये तो मुझे बीकानेर तक छोड़ कर आ रहा है , राजेन्द्र को भरोसा है की निर्मता कभी झूठ नहीं बोलती , दर्श , निर्मता चल पड़े , पिता दिल पर पथ्थर रख कर वापस अंदर गया , निर्मता और दर्श  बीकानेर पहुंच गये , निर्मता कभी घर से निकली नहीं थी उसे सब नया नजर आ रहा है , इधर गाँव में बात आग की तरह फैल गई , निर्मता और दर्श गायब हैं , दर्श की माँ कई आदमियों के साथ राजेन्र्द के घर आई और राजेन्द्र को ताने दे रही है तेरी बेटी की वजह से मेरा बेटा भी बिगड़ गया ,  फिर दर्श का नंबर मिल गया , दर्श  बताता है मैं शाम तक घर आ जाऊँगा , मुझे निर्मता का कोई पता नहीं कहाँ गई , सब चुप चाप राजेन्द्र के घर से चले गए , पर किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा निर्मता गई कहाँ ,   इधर निर्मता को दर्श ट्रेन में बैठा  देता है, निर्मता एक छोटी सी किताब दर्श को देती है ,दर्श  सब समझाता है , कुछ पैसे और अपना फोन देता है , ट्रेन चलने के लिए त्यार है  , दर्श बड़ी मुश्किल से निर्मता को छोडकर ट्रेन से उतरा , निर्मता को ऐसा लगा ,पता नहीं दुबारा हंम मिल पाएंगे भी या नहीं


                     Short Motivational Story In Hindi

इधर राजेन्द्र की माँ और पत्नी बार बार पूछ रही है तुंम निर्मता की तलाश क्यों नहीं करते , राजेन्द्र गुस्से में बोला आज के बाद उसका नाम भी मत लेना मर गई वो आज से ,

इधर निर्मता को एक श्र्गुन नाम की लडकी मिलती  है जो पुणे जा रही है इसका सपना है एक्टर बनना , निर्मता की बातें सुनकर , मोटिवेट होती है ,पुरी रात सफर करने पर इनमें काफी प्यार बढ़ गया ,

इधर दर्श को अपने घर में खाना अच्छा नहीं लगता , क्यों की निर्मता इसके दिल के बहुत करीब थी  , इधर ट्रेन में श्र्गुन से एक लड़का   बतमीजी करता है , निर्मता लड़के के मुंह पर मुक्का मार देती है , लड़के का दांत टूट कर निचे गिरा  , इतने में  सब ट्रेन में जाग गये और लडके को पीछे भेज देते हैं , फिर श्र्गुन पुणे उतरने लगती है और वो सोचती है , निर्मता दीदी को पता भी नहीं की जाकर करना क्या है फिर भी जा रही है , मेरे पास तो गोल है मुझे करना क्या है , ये सोच कर श्र्गुन भी वापस ट्रेन में चढ़ गई फिर दोनों मुंबई उतरी श्र्गुन पहले कई बार मुंबई आई है , दोनों एक होटल में रुकी

इधर दर्श निर्मता की किताब की तरफ देखता है  गाँव के बाहर उस जगह पर बैठा है  जहाँ निर्मता अक्सर आती-  जाती रहती थी , इधर श्र्गुन निर्मता को पूछती है तुम्हें कोई तो रास्ता चाहिए जिस पर चल सके , निर्मता बोली  मुझे रास्ता ऐसा चाहिए जिस पर चलने पर पैरों के निशान कभी मिट ना पायें  , फिर दोनों पुरी रात सोचती हैं , श्र्गुन को लगा दीदी को गुस्सा बहुत आता है , श्र्गुन बोली दीदी आपके गुस्से और कुछ करने के जज्बे से आपको एक्शन फिल्म के लिए ट्राई करना  चाहिए ,निर्मता बोली  मुझे इस काम के बारे में पता भी नहीं एक्शन फिल्म क्या होता है , श्र्गुन फिर सब बताती है , निर्मता  बोली इसमें पैसे कितने मिलते हैं  , श्र्गुन बोली  दीदी इस पहाड़ पर  चढने के लिए पानी भी छोड़ना पड़ता है ,पर जिस वक्त चढ़ जातें हैं तो आम आदमी को आप तक पहुंचना ही मुश्किल हो जाता है , निर्मता को श्र्गुन का आइडिया अच्छा लगा  निर्मता बोली मुझे भी ऐसा ही काम चाहिए जिसके लिए जलना पड़े तड़पना पड़े , फिर श्र्गुन निर्मता की लुक ही चेंज कर देती है , इनके पास पैसे भी खत्म हो रहे हैं ,फिर दो दिन होटल में रुकी और  धारवी में कोई सस्ता मकान देखने गई जिसमें रात गुजर जाए , धारवी में इनको एक फोजी नाम के आदमी के पास मकान मिला , वो इनको शाम के सात से रात के दो बजे तक खिलोनें पैक करवाता और फिर सोने देता , वहां और भी बहुत लोग काम करते हैं , निर्मता ,श्र्गुन सुबह उठते ही , कास्टिंग डायरेक्टर के ऑफिसों के चक्कर लगाती और , पैसा बचाने के चक्कर में भाग कर जाती , पानी से ब्रेड  अपनी भूख को शांत करने के लिए खाती ,और कोई खर्च नहीं करती  श्र्गुन कई बार थक कर रास्ते में ही बैठ जाती , फिर शाम को वापस फोजी के पास आती   , इधर दर्श भी अपने परिवार से मुंबई जाने की जिद करता है , ,पर उसे कोई पैसे नहीं देता ,  दर्श की माँ ने दर्श की शादी भी फिक्स करदी  एक महिना इसी तरह कलपता रहा , इधर निर्मता और श्र्गुन भी अपना रूटीन से चल रही हैं , आज जब श्र्गुन फोजी की शॉप से बाहर गली में निकली  तो निचे बैठ कर  रोने लगी , चेहरा बिलकुल काला पड़ गया , आँखों में नींद है और बोली दीदी मुझे यहाँ नहीं रहना मुझे यहाँ घुटन होती है ऐसा लगता है जैसे हंम किसी जेल में हैं , फिर निर्मता कोई बहाने से फोजी से अपने बैग निकलवा कर ,हमेशा के लिए निकल पड़ी , श्र्गुन  भी अपने आप को आजाद महसूस कर रही है , फिर  रात को एक रोड के किनारे रेस्ट करने के लिए लेट गई पर वहां भी पुलिस उठा देती है , फिर दोनों घुमती हुई श्मशान में पहुंच गई , निर्मता देखकर बोली आज के बाद हमारा यही असली घर है ,यहाँ हमें कोई रात को नहीं उठाएगा , श्र्गुन बहुत  डरती है , और निर्मता के साथ चिपक कर सोती है इधर दर्श किसी दुसरे के फोन से निर्मता से बात भी नहीं करता , की कहीं गाँव वालों को निर्मता का पता ना चल जाए , इधर निर्मता को भी  कोई छोटा सा काम मिला , निर्मता आज थोडा उदास है ,  महीने बाद काम मिला और वो भी फ्री  , फिर  निर्मता नें अपना मोबाईल बेच दिया ,जो दर्श नें निशानी के  तोर पर दिया था   खाने के लिए पैसे भी नहीं बचे थे , इस लिए मजबूरी में बेचना पड़ा , बेच तो श्र्गुन रही थी पर खरीदने वाले को डाऊट हुआ उसने निर्मता का ही फोन खरीदा , निर्मता एक बार तो दुखी हुई फिर बाहर आकर दीवार पर मुक्के मार रही है , वो अपने गाँव की सब यादें भुलाना चाहती है , फिर  दोनों एक बिल्डिंग बन रही थी उसमें काम पूछने के लिए गयी , फिर एक बबिता नाम की कास्टिंग डायरेक्टर के पास गई ,पर वहां किसी बात पे निर्मता का बबिता से ही झगड़ा हो गया , निर्मता वहां से गुस्से  में कुछ डायेलोग बोलकर निकल गई , फिर दोनों दिन में कभी किसी की गाड़ी साफ़ करके ,यनी उनको कोई भी काम मिलता वो करती रहती और शांम को फिर , असली घर में आती ,अगर उनसे कोई पूछता रहती कहाँ हो तो असली घर बताती है , सुबह दिन निकलने से  पहले ही श्मशान से निकल जाती , कोई इनको देख नहीं पाता , फिर निर्मता को ऐसा काम मिला जो जान की बाजी लगा कर करना था , निर्मता नें उस काम को बहुत अच्छा किया , डायरेक्टर बहुत खुश हुआ ,एक और सीन करती है जिसमें निर्मता मर गई

सब काम होने के बाद निर्मता को कुछ पैसे दिए , पर जब सोचती है आज रोटी खाकर देखेंगे , पर उससे पहले ही उनके पैसे चोरी हो गये , दोनों को बहुत दुःख हुआ , फिर श्मशान में चली गई

इधर दर्श निर्मता का फोन मिलाता है ,और स्विच ऑफ़ बता रहा है , दर्श बड़ी मुश्किल से पैसे बना कर परिवार को बिना  बताये ही अपनी निर्मता की तलाश में चल पड़ा ,

इधर निर्मता जिस बिल्डिंग में काम करती थी , वहां से उन्हें तीन दिन काम पे ना आने की वजह से धक्के मारके  निकाल दिया , निर्मता बोली हमें शूटिंग के लिए दो दिन लग गये इस लिए हंम नहीं आ पाए , आदमी बोला अब भी शूटिंग ही करो हमारे  पास आपके लिए काम नहीं हैं , दोनों फिर किसी और काम की  तलाश में निकली , और जिस  फिल्म में निर्मता नें काम किया वो भी कुछ दिनों में रिलीज हो गई , और निर्मता का स्टंट लोगों को बहुत  अच्छा लगा ,इधर दर्श भी ,अनजान शहर  में , इधर-उधर  भटक रहा है , निर्मता का कोई पता नहीं चल रहा ,इधर , किसी नें देख लिया श्मशान में दो लडकियाँ रहती हैं , और पुलिस दोनों को उठा कर  ले गई , और इधर बबिता के पास डायरेक्टर बाला शंकर जी आये है बोले  एक्शन फिल्म में मुझे लीड रोल के लिए कंम बज्जट में  लड़की चाहिए , बबिता को  उसी वक्त निर्मता का गुस्सा याद आया , वो निर्मता का नंबर मिलाती  है , पर निर्मता का फोन बंद आ रहा है , क्यों की थाने में मोबाइल बंद करवा दिया है , दुसरे दिन थानेदार वार्निग देकर छोड़ देता है , बाहर आकर श्र्गुन मोबाइल का स्वीच ऑन करती है , कुछ देर बाद ही बबिता का फोन आया और दोनों वहां चली गई , और बाला शंकर निर्मता को एक डायलोग बोलने को कहता है ,

इसकी स्क्रीन प्ले भी पब्लिश होगी , प्लीज हमें  subcraib करो 


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